उतराखंडशासन

सचिवालय सेवा के मठाधीशों की हिलेंगी कुर्सियां

सचिवालय कर्मियों की तबादला नीति में होने जा रहा संसोधन

लम्बे समय से एक ही अनुभाव व विभाग के जमें कर्मियों की बदलेंगी  कुर्सियां
देहरादून। कार्यपालिका की शीर्षस्थ संस्था को राज्य में पारदर्शी ट्रांसफर पॉलिसी का इंतजार है। दरअसल साल 2007 में सचिवालय कर्मियों के लिए तबादला नीति तो लागू हुई, लेकिन इस पर अमलीजामा नहीं पहनाया गया। नतीजतन सचिवालय में कर्मचारियों के लिए पिक एंड चूज की स्थिति बनने लगी। कुछ अफसर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सालों तक देखते हैं, तो कुछ को कम जरूरी माने जाने वाले दायित्वों से संतोष करना पड़ता है। लिहाजा उत्तराखंड सचिवालय संघ ने भी इन स्थितियों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने रखा और चुनिंदा अधिकारियों की मोनोपॉली खत्म करने का प्रयास किया। खास बात यह है कि अब संशोधित नई ट्रांसफर पॉलिसी पर विचार होने लगा है।
उत्तराखंड के लिए जिस सचिवालय से नीतियां तैयार की जाती हैं, उसी सचिवालय में अधिकारी आदर्श कार्यशैली स्थापित नहीं कर पा रहे हैं। हैरत की बात यह है कि पूरे प्रदेश में ट्रांसफर पॉलिसी को लागू करवाने वाली शीर्षस्थ संस्था पारदर्शी ट्रांसफर पॉलिसी का इंतजार कर रही है। ऐसा नहीं है कि उत्तराखंड सचिवालय में सचिवालय सेवा से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कोई तबादला नीति ना हो। साल 2007 में सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा सचिवालय कर्मियों के लिए ट्रांसफर पॉलिसी लाई गई। इसमें ऐसे कई नियम तय किए गए, जिससे तबादले पारदर्शी रहें। लेकिन इसके बावजूद कई ऐसे अधिकारी और कर्मचारी अपनी धाक कायम रखने में कामयाब रहे, जिन्होंने अहम जिम्मेदारियों को ना केवल पाया, बल्कि तबादला नीति में तय नियमों से ज्यादा समय से विभाग में कायम हैं।
वैसे तो सचिवालय प्रशासन विभाग के अंतर्गत आने वाले सचिवालय कर्मचारियों के लिए पहले ही तबादला नीति लागू है, लेकिन इसमें कुछ संशोधन की भी जरूरत महसूस की जा रही है। यह ऐसे संशोधन होंगे, जो सचिवालय में विभिन्न विभागों के अंतर्गत काम करने वाले कर्मचारियों को बराबर का मौका देने से जुड़े होंगे और सचिवालय में कामकाज के लिहाज से व्यावहारिक भी होंगे। इसके लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में ट्रांसफर पॉलिसी के संशोधन पर चर्चा भी हो चुकी है और सचिवालय प्रशासन विभाग को जरूरी संशोधन से जुड़े ड्राफ्ट तैयार कर अगली बैठक में प्रस्तुत करने के भी निर्देश मुख्य सचिव के स्तर पर दिए जा चुके हैं।

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