उतराखंडजनहित

डा प्रसाद ने कराया अपनी माता का मरणोपरांत नेत्रदान

ऋषिकेश: सनातन धर्म में एक प्राचीन मान्यता प्रचलित रही है कि यदि मृत्यु के पश्चात शरीर में किसी प्रकार की चीरफाड़ की जाए तो मोक्ष की प्राप्ति में बाधा उत्पन्न हो सकती है। दूसरी ओर, वैज्ञानिक और चिकित्सक इस तथ्य पर जोर देते हैं कि विश्व में कॉर्नियल अंधत्व को समाप्त करने के लिए बड़ी संख्या में कॉर्निया की आवश्यकता होती है। इस अंधविश्वास को समाप्त करने और समाज में नेत्रदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए चिकित्सक भी आगे आ रहे हैं।

हाल ही में, डॉक्टर हरी ओम प्रसाद, राजीव जैन, अशोक अग्रवाल ने अपने प्रियजनों के निधन के पश्चात नेत्रदान कर इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है।

नेत्रदान कार्यकर्ता व लायंस क्लब ऋषिकेश देवभूमि के चार्टर अध्यक्ष गोपाल नारंग ने इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि गत सप्ताह श्रीमती हेमलता जैन के निधन पर परिजनों ने मुक्तिधाम समिति के अनिल कक्कड़, श्रीमती कांति अग्रवाल के निधन पर परिवार ने जितेंद्र आनंद,व श्रीमती राधिका प्रसाद के मरणोपरांत डा हरिओम प्रसाद , जो नेत्रदान के महत्व को भली-भांति समझते थे, ने तुरंत नेत्रदान का निर्णय लेकर श्री नारंग को नेत्र दान कराने के लिए आग्रह किया।

 

नारंग के आग्रह पर ऋषिकेश आई बैंक एम्स अस्पताल की नेत्रदान रेस्क्यू टीम में ,डा नन्दप्रकाश, पवन नेगी ने समय पर पहुँचकर कॉर्निया सुरक्षित रूप से प्राप्त कर लिये। नेत्र दान के पुनीत कार्य पर डा नीति गुप्ता,डा आर के भारद्वाज, अशोक आर्य, राजीव अरोड़ा, महीपाल चौहान के अनुसार परिवार की नेत्र दान की पहल वास्तव में सराहनीय व अनुकरणीय है।लायंस क्लब ऋषिकेश देवभूमि के जनसंपर्क अधिकारी मनमोहन भोला ने बताया कि यह मिशन द्वारा अब तक 381नेत्रदान कराए जा चुके हैं, और यह कार्य अविरल चलता रहेगा।

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