पत्रकार ने पीड़िता के परिजनों की उठाई आवाज तो पुलिस ने डाला जेल
पौड़ी। जिले के कोटद्वार क्षेत्र में एक पत्रकार को दुर्घटना में मौत हो चुके परिवार की मदद करना भारी पड़ गया। पुलिस ने पत्रकार को रात दस बजे घर से उठाकर हवालात में बंद कर दिया। सारी रात पत्रकार को हवालात में बंद रखा गया। इस घटना से जिले के साथ ही प्रदेशभर के पत्रकारों में आक्रोश बना हुआ है। वहीं, पुलिस का कहना है कि पत्रकार ने बिना तथ्यों के फेसबुक में पुलिस पर आरोप लगाते हुए पोस्ट की थी।
16 जनवरी को कोटद्वार में एक स्कूटी सवार युवती को एक वाहन ने टक्कर मार दी थी, जिसकी मौत हो गई थी। इस पर पुलिस इतने दिन बित जाने के बाद भी चालक को नहीं पकड़ पाई थी, जिस पर न्याय की मांग करते हुए पत्रकार सुधांशु थपलियाल ने अपने फेसबुक पेज में एक पोस्ट डाली थी, जिस पर लोगों ने पुलिस की जमकर किरकिरी की, जो कि पुलिस को पसंद नहीं आया और रात करीब 10 बजे पत्रकार सुधांशु को घर से उठाकर हवालात में बंद कर दिया।। सुधांशु ने बताया कि रात दस बजे लगभग पांच दरोगा व अन्य सिपाही उनके घर पहुंच गए और उन्हें कोटद्वार थाने ले गए। इस दौरान पुलिस ने उसका फोन भी जब्त कर लिया साथ ही उन्हें फोन भी नहीं करने दिया। इस मामले से पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे है। लोगों का कहना है कि एक पीड़िता के परिजनों के लिए न्याय मांगने वालों के साथ पुलिस का इस तरह का व्यवहार कदापि उचित नहीं है। लोगों का कहना है कि जब जनता की आवाज उठाने वाले पत्रकारों के साथ पुलिस इस तरह का व्यवहार कर रही है तो आमजनता के साथ किस तरह का व्यवहार करती होगी। सुधांशु ने बताया कि पुलिस उसे घर से थाने ले गई और उसके बाद देर रात को उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया और फिर हवालात में डाल दिया और उनकी डाली हुई पोस्ट पर पुलिस शब्द का कोई जिक्र भी नहीं है वहीं, कोटद्वार के कोतवाल रमेश तनवर ने बताया कि सुधांशु ने पुलिस के खिलाफ पोस्ट डाली थी जिसको लेकर उसे गिरफ्तार किया गया। वहीं, एसएसपी पौड़ी लोकेश्वर सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में है। उक्त मामले की जांच करवाई जाएगी ।
बताते चलें कि उक्त पोस्ट के बाद पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया जिसके चंद घंटे बाद ही पुलिस के द्वारा चालक को गिरफ्तार कर लिया गया । इसके बाद से पत्रकार सुधांशु थपलियाल की सोशल मीडिया में जमकर तारीफ हो रही है