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ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि भारत की अस्मिता, संप्रभुता और आत्मसम्मान का प्रतीक: प्रेमचंद

ऋषिकेश, त्रिवेणी घाट की सांध्यकालीन गंगा आरती भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के आतंकी अड्डों पर की गई निर्णायक सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को समर्पित की गयी। यह भारतीय सेना के ऐतिहासिक कदम का सम्मान है यह आरती भारत के संकल्प, शक्ति और तेज का स्तवन है।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि भारत की अस्मिता, संप्रभुता और आत्मसम्मान का प्रतीक है। यह एक संदेश है उन शक्तियों के लिए जो भारत की शांति को उसकी कमजोरी समझने की भूल करते हैं।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि यह केवल सीमापार एक जवाब नहीं है, यह भारत की आत्मा की पुकार थी, कि हम शांति चाहते हैं, परंतु आत्मसमर्पण नहीं। हम संवाद चाहते हैं, परंतु आतंक नहीं और जब-जब हमारे धैर्य की परीक्षा ली जाएगी, भारत उसी वेग से उत्तर देगा।

मण्डल अध्यक्ष मनोज ध्यानी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर, भारतीय सेना का साहसिक प्रतिशोध है। पहलगाम में भारतीयों पर हमला, भारत की आत्मा पर हमला था। भारत माता के हृदय पर हमला था। पाक ने जो नापाक हरकत की उस पाप का बदला हमारे सैनिकों ने लिया, हमें उन पर गर्व है और यह हमला तो एक शुरूआत है। ये बदला, बदलाव लायेगा और भारत की इस नई सोच का असर होगा।

इस अवसर पर मेयर शंभु पासवान, अरुण बडोनी, देवदत्त शर्मा, पार्षद राजेश कुमार, अविनाश भारद्वाज, नितिन सकसेना, जितेंद्र पाल, सौरभ गर्ग, दीपक बिष्ट, मोहित कुमार, विनायक कुमार, लविस पाल, मयंक शर्मा, आयुष कुमार, प्रदीप कोहली, सुजीत यादव, हर्ष पाल आदि उपस्थित रहे।

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