
देहरादून। राजधानी देहरादून में गत दिवस से लगातार हो रही बारिश ने भारी तांडव मचाया है। बारिश के साथ-साथ मानव जनित आपदा से भी नुकसान में इजाफा हुआ है। फन वैली के पास जाखन नदी में गलत तरीके से मशीनों से किए गए खनन से नेशनल हाइवे बह गया और पुल को भी भारी नुकसान हुआ है। ऐसे ही सहस्त्रधारा में हुए अवैध निर्माण व बाहरी प्रदेशों के लोगों के बनाए गए गेस्ट हाउस व होटलों के नदी किनारे गए अतिक्रमण से भी नुकसान हुआ है। जहां एमडीडीए ने नियम बनाया हुआ है कि नदी से 30 मीटर दूरी तक कोई निर्माण नहीं हो सकता तो सहस्त्रधारा में कैसे नदी के पुस्तों पर ही बड़े-बड़े होटलो का निर्माण हो गया।
गत दिवस भारी बारिश व कार्लीगाड़ में बादल फटने से देहरादून के सहस्त्रधारा में भारी नुकसान हुआ है। बादल फटने के कारण वहां एक मकान जमींदोज हो गया जिसके मलबे में तीन लोग दब गए व एक लापता हो गया है। जिसको लेकर रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है।
सहस्त्रधारा रोड को डीएल रोड से जोड़ने वाले ऋषि नगर पुल को भारी बारिश में नुकसान पहुंचाया है। बारिश के कारण सड़क का पुश्ता ढह गया है। जबकि रिस्पना नदी के उफान ने ऋषिनगर पुल के आसपास तबाही मचाई है। नदी के किनारे एक मकान पूरी तरह ढह गया है। हालात ये हैं कि मकानों और नदी के बीच की दूरी केवल 3 मीटर की बची है। पुल के पास स्थित ऑटो सर्विस सेंटर में खड़ी चार मोटरसाइकिलें, दो मुर्गे के जाल और गैस सिलेंडर पानी में बहे। ऋषि नगर पुल से सटी मछली की दुकान भी रिस्पना नदी में बही। सड़क किनारे ऊर्जा निगम का ट्रांसफार्मर भी भारी बारिश के चलते गिर गया है। फिलहाल पुलिस ने एहतियातन पुल से यातायात को रोक दिया है।
सहस्त्रधारा के साथ-साथ डोईवाला में भी बारिश से हालात बिगड़े हैं। जाखन नदी रौद्र रुप में बह रही है। रानीपोखरी और माजरी ग्रांट में नदी का पानी पुल के ऊपर से बह रहा है। इसके सोंग व सुसवा नदी से भी बाढ़ जैसे हालत बने हुए है। वहीं देहरादून के प्रेमनगर स्थित देवभूमि कॉलेज के पास भी भारी वर्षा के कारण जलभराव हुआ है। इसलिए वहां पर एसडीआरएफ की टीम को भेजा गया है। तीन लोग पानी में फंस गए थे, जिन्हें रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया।
मौसम विभाग के मुताबिक, आज उत्तरकाशी, चमोली, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा के साथ तीव्र से बहुत तीव्र वर्षा और मध्यम गरज के साथ तूफान आने की संभावना है। मसूरी, डोईवाला, ऋषिकेश, लैंसडाउन, बदरीनाथ, देवप्रयाग, कर्णप्रयाग, गोविंदघाट और इनके आस पास के क्षेत्रो को भी सर्तक रहने की आवश्यकता है।