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रिस्पना बिंदाल नॉलेज सीरीज के सत्र में विशेषज्ञों ने जताई गहरी चिंता

सरकार रिस्पना बिंदाल नदियों पर एलिवेटेड रोड बनाने की कर रही तैयारी सिटीजन्स फोरम नॉलेज सीरीज में कर रही चिंतन

देहरादून । सरकार रिस्पना बिंदाल नदियों पर एलिवेटेड रोड बनाने के अपने निर्णय पर आगे बढ़ती दिखाई दे रही है। इस पर विशेषज्ञों ने कड़ी चेतावनी दी है कि यदि यह परियोजना शुरू हुई, तो इससे न केवल देहरादून बल्कि मसूरी की स्थिरता पर भी गंभीर खतरा उत्पन्न होगा। उन्होंने रिस्पना बिंदाल एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना को शुरू होने से पहले ही रोकने की तत्काल आवश्यकता बताते हुए तीन-स्तरीय कार्ययोजना का सुझाव दिया।
सिटीजन्स फोरम के रिस्पना बिंदाल नॉलेज सीरीज के प्रथम संस्करण में पुणे के शहरी बाढ़ एवं नदी विशेषज्ञ, आर्किटेक्ट सारंग यादवडकर ने दोनों नदियों की भौगोलिक संरचना पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित निर्माण नदी के प्रवाह को बाधित करेगा और बाढ़ के खतरों को कई गुना बढ़ा देगा। इस दौरान उन्होंने पुणे में नदी प्रवाह और अतिक्रमणों से जुड़ी बाढ़ पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की।
यादवडकर ने कहा कि पिछले वर्षों में जलवायु परिवर्तन तेज़ हुआ है, विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों में जहां बादल फटने की घटनाएँ बढ़ रही हैं। बरसात के दिनों की संख्या भले कम हो रही हो, लेकिन बारिश की तीव्रता लगातार बढ़ रही है। रिस्पना और बिंदाल का कैचमेंट क्षेत्र अधिकांशतः खड़ी पहाड़ी ढलानों पर आधारित है, जहां बादल फटने की स्थिति में विनाशकारी परिणाम सामने आ सकते हैं। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि यह पूरा क्षेत्र सीस्मिक ज़ोन छह में आता है, जिससे जोखिम और भी बढ़ जाता है। नदियों पर पहले से मौजूद अतिक्रमणों ने इनके प्राकृतिक पाट को संकुचित कर दिया है, और ऐसे में 26 किमी लंबी एलिवेटेड रोड के लिए नदी तल व किनारों पर खंभे खड़े करने से जल प्रवाह और ज्यादा अवरुद्ध होगा।
सत्र में प्रतिभागियों ने चिंता जताई कि शहर के मध्य में बड़े पैमाने पर कंक्रीटीकरण, सैकड़ों पेड़ काटने की आवश्यकता, और रोज़ाना मलबे व निर्माण सामग्री ढोने वाले सैकड़ों ट्रकों की आवाजाही देहरादून के पर्यावरण और नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव डालेगी। उन्होंने यह भी कहा कि परियोजना को लेकर सरकार की ओर से स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है, जिसके चलते नागरिकों को बुनियादी विवरण के लिए भी आरटीआई का सहारा लेना पड़ रहा है। सत्र का संचालन रेटु चटर्जी ने किया, जबकि आर्किटेक्ट भारती जैन ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद करते हुए कार्यक्रम का समापन किया। अनूप नौटियाल ने कहा कि रिस्पना बिंदाल नॉलेज सीरीज के आगामी सत्रों में प्रस्तावित एलिवेटेड रोड परियोजना के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा जारी रहेगी।
ऑनलाइन बैठक में देहरादून, मसूरी और अन्य राज्यों से कई नागरिकों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख रूप से अजय दयाल, डॉ. राकेश कुमार, रमना, जया सिंह, ईशा, इशिता, मनुज अग्रवाल, आशीष गर्ग, राधा, वसुधा पांडे, परमजीत सिंह कक्कड़, पूर्णिमा वर्मा, सुनील नेहरू, राहुल कोहली और त्रिलोचन भट्ट शामिल थे।

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