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‘विकसित भारत’ की संकल्पना के मुताबिक सधा हुआ बजट : डॉ.विजय धस्माना

अर्थव्यस्था को और गति देने के लिए समझदारी और विवेकपूर्ण बजट

डोईवाला- स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट के अध्यक्ष व भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) उत्तराखंड के पूर्व अध्यक्ष डॉ.विजय धस्माना ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले आम बजट -2024 को ‘विकसित भारत’ की संकल्पना के मुताबिक सधा हुआ बजट बताया।

*वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की उपलब्धि ‘नारी शक्ति’ का प्रतीक*
डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि सर्वप्रथम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई प्रेषित करता हूं। वह लगातार सात बार बजट पेश करने वाली देश की पहली वित्त मंत्री बन गई हैं। भारतीय संस्कृति में कहा भी जाता है ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता:’ अर्थात जहां नारी की पूजा की जाती है, उसका सम्मान किया जाता है वहां देवताओं का वास होता है।‘ उनकी यह उपलब्धि नारी शक्ति की परिचायक होने के साथ समूचे देश के लिए गौरवान्वित करने वाली है।

*देश के संपूर्ण विकास के लिए जरूरी हैं नौ प्राथमिकताएं*
डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि अमृतकाल का यह महत्वपूर्ण बजट  सरकार के अगले पांच साल के कार्य की दिशा तय करेगा। सरकार की नौ प्राथमिकताएं में कृषि, रोजगार व कौशल विकास, मानव संसाधन विकास व सामाजिक न्याय, उत्पादन एवं सेवा, ऊर्जा सुरक्षा, बुनियादी ढांचा, शहरी विकास, नवाचार व अनुसंधान और नई पीढ़ी के सुधार शामिल हैं । यह नौ प्राथमिकताएं समाज के हर वर्ग की आशाओं और देश के संपूर्ण विकास की अपेक्षाओं को पूरा करने वाली हैं।

*शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास रही प्राथमिकता*
सरकार ने इस बजट में शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास को प्राथमिकता पर रखा है। 1.48 लाख करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, यह पिछले बजट की तुलना में 32 प्रतिशत ज्यादा है। वित्त मंत्री का फैसला युवा भारत की सोच को और ताकत देगा।

*उच्च शिक्षा को आसान बनाएगा बजट*
शिक्षा के क्षेत्र के लिए माननीय वित्त मंत्री ने घरेलू संस्थानों में 10 लाख रुपए के एजुकेशन लोन की बड़ी घोषणा की है। इससे देश के करोड़ों छात्र-छात्राओं को फायदा होगा। सालाना लोन पर ब्‍याज का 3% पैसा सरकार देगी। इसके लिए ई-वाउचर्स लाए जाएंगे, जो हर साल एक लाख छात्र-छात्राओं को मिलेंगे। साथ ही बजट में छात्र-छात्राओं के लिए 7.5 लाख के ‘मॉडल स्किल लोन’ का प्रावधान भी किया गया है।

*उद्योग जगत को मिलेंगे कुशल कर्मचारी*
उद्योग जगत में कुशल कर्मचारियों की और जरूरत है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए बजट में खास प्रावधान किया गया है। 5 हजार रुपए मासिक मानदेय के साथ देश की 500 शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह सरकार का स्वागत योग्य फैसला है।

*‘समृद्ध भारत’ के लिए ‘स्वस्थ भारत’ जरूरी*
कोविड संकट के बाद स्वास्थ क्षेत्र की तरफ सरकार का विशेष ध्यान रहा है। सरकार भी यह समझ चुकी है कि समृद्ध भारत के लिए जरूरी है स्वस्थ भारत का होना। कैंसर के मरीजों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने कैंसर के इलाज के लिए तीन विदेशी दवाओं पर कस्टम ड्यूटी हटा दी है। जिससे यह दवाईयां सस्ती हो पाएंगी। इसके साथ ही कुछ चिकित्सकीय उपकरणों पर भी छूट दी जाएगी। माननीय वित्त मंत्री की यह उद्घोषणा स्वागत योग्य है।

*अनुसंधान एवं नवाचार को मिलेगा बढ़ावा*
अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में एक लाख करोड़ (1,00,000) रुपए का कोष बनाया गया है। सामान्यत: सरकारी शैक्षणिक संस्थानों को ही स्वास्थ्य व तकनीकी के क्षेत्र में शोध के लिए कोष मिलता था। लेकिन इस बजट में गैरसरकारी शैक्षणिक संस्थानों को भी शामिल करने प्रस्ताव किया गया है। यह एक सराहनीय कदम है। इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो भी शोध होगा उसका सीधा-सीधा लाभ आम जनता को ही मिलेगा।

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