हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में स्कूल की छात्राओं के साथ अभद्रता मामले का बाल संरक्षण आयोग ने संज्ञान ले लिया है। आयोग ने स्कूल पहुंचकर छात्राओं और शिक्षकों से घटना की जानकारी ली है। घटना 28 फरवरी की है। जबकि छात्राओं द्वारा वीडियो वायरल करने करने के बाद उच्चाधिकारियों और डीएम के संज्ञान में मामला आया है। डीएम ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को जांच के आदेश दे दिए हैं।
हरिद्वार के ब्लॉक बहादराबाद की स्कूली छात्राओं को 28 फरवरी को विद्यालय की तरफ से बाल शोध विज्ञान मेले में प्रतिभाग करने के लिए रोशनाबाद भेजा गया था। छात्राओं का आरोप है कि उनके साथ महिला शिक्षिक को न भेजकर दूसरे स्कूल के अनुदेशक को भेजा गया। जबकि प्रभारी प्रधानाध्यापक अपनी निजी गाड़ी से रवाना हुए। छात्राओं का आरोप है कि अनुदेशक ने उनके बीच में बैठकर ऑटो चालक को फिल्मी गाने चलाने को कहा और उनके साथ आते-जाते समय रास्ते में अभद्रता की।
आरोप है कि छात्राओं के साथ अभद्रता की जानकारी प्रभारी प्रधानाध्यापक और छात्रावास के वार्डन स्तर को भी थी। लेकिन उन्होंने मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को नहीं दी। बल्कि प्रधानाध्यापक मामले को टालने में लगे हुए हैं। आरोप ये भी है कि छात्र-छात्राओं को स्कूल से बाहर किसी भी कार्यक्रम में ले जाने से पहले शिक्षा विभाग या स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) की अनुमति ली जाती है। लेकिन प्रभारी प्रधानाध्यापक के पास न तो विभाग की अनुमति थी और न ही एसएमसी का कोई प्रस्ताव था।
2 मार्च को छात्राओं के अभद्रता वाले वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने मुख्य शिक्षा अधिकारी कमलेश कुमार गुप्ता को जांच के आदेश दिए। परिजनों ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं, अब मामले का संज्ञान बाल संरक्षण आयोग ने भी लिया है। आयोग की अध्यक्ष ने स्कूल पहुंचकर छात्राओं के बयान लिए और स्कूल स्टाफ से पूछताछ की है। प्रकरण के जांच अधिकारी कमलेश कुमार गुप्ता ने ईटीवी भारत को बताया कि मामले की जांच शुरू हो चुकी है। इस संबंध में प्रभारी प्रधानाध्यापक कार्यालय में उपस्थित हुए हैं। नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब किया गया है। फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। सभी तथ्य सामने आने के बाद ही कुछ कहना संभव हो पाएगा।