उतराखंडस्वास्थ्य

*उत्तराखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले गंभीर मरीजों के उपचार में ड्रोन सेवा मददगार*

ऋषिकेश। एम्स ऋषिकेश की नियमित ड्रोन सेवा उत्तराखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले गंभीर मरीजों के उपचार में मददगार साबित हो रही है। इस सेवा के माध्यम से न सिर्फ मरीजों को अपने गांव के सन्निकट अस्पतालों से ड्रोन के जरिए भेजी गई बीमारी से संबंधित दवा सुलभ हो पा रही है, बल्कि ओपीडी फॉलोअप के लिए एम्स ऋषिकेश आवागमन पर होने वाले आर्थिक नुकसान व समय की भी बचत हो पा रही है। इसी क्रम में एम्स की ओर से अपनी नियमित ड्रोन सेवा के माध्यम से टिहरी जनपद के तीन मरीजों को टीबी की दवा उपलब्ध कराई गई और एक टीबी पेशेंट का सैंपल जांच के लिए संस्थान में मंगाया गया।

संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर( डॉ. ) मीनू सिंह के कुशल मार्गदर्शन में एम्स, ऋषिकेश द्वारा ड्रोन आधारित स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा दिए जाने के उद्देश्य से विभिन्न अस्पतालों के लिए नियमित ड्रोन सेवा जारी है। इसी क्रम में मंगलवार को टिहरी जिले के सुदूर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले तीन टीबी ग्रसित मरीजों के लिए जिला राजकीय अस्पताल, नई टिहरी में ड्रोन के जरिए दवा भेजी गई।

संस्थान की ड्रोन सेवा के नोडल अधिकारी डॉक्टर जितेंद्र गैरोला ने बताया कि इस दौरान ड्रोन के जरिए ऐसे तीन टीबी ग्रसित मरीजों को एम्स द्वारा ड्रोन के जरिए दवा उपलब्ध कराई गई है, जिन्हें वहां से सड़क मार्ग से ओपीडी फालोअप व टीबी की दवा लेने के लिए एम्स, ऋषिकश आना पड़ता था। इसके अलावा उन मरीजों को टेली कंसल्टेंसी के माध्यम से पल्मोनरी मेडिसिन की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ रूचि दुआ द्वारा चिकित्सकीय परामर्श भी दिया गया। लिहाजा इस सुविधा से जहां मरीजों के एम्स अस्पताल में ओपीडी फालोअप के लिए आने जाने के समय की बचत हुई हैं, वहीं आवागमन पर आने वाले व्ययभार से भी उन्हें राहत मिली है। डॉ. जितेंद्र के अनुसार इस दौरान ड्रोन के माध्यम से एक टीबी ग्रसित पेंशेंट का स्पूटम सैंपल भी एम्स अस्पताल में जांच के लिए लाया गया है।
एम्स हेलीपैड से पूर्वाह्न 11.30 बजे ड्रोन सेवा को जिला अस्पताल, बौराड़ी नई टिहरी रवाना किया गया। फ्लाइट 35 मिनट में 48 किलोमीटर की दूरी तय कर दोपहर 12.05 बजे जिला चिकित्सालय पहुंची, जबकि वापसी टीबी पेंशेंट के स्पूटम सैंपल के साथ 12.45 पर वहां से रवाना हुई और दोपहर 1.20 बजे एम्स हेलीपैड पर पहुंची।

एम्स की ड्रोन हेल्थ सर्विसेस के नोडल ऑफिसर डॉ. जितेंद्र गैरोला ने बताया कि एम्स ऋषिकेश राज्य, केंद्र सरकार व संस्थान की टेलीमेडिसिन सेवा के सहयोग से ड्रोन आधारित स्वास्थ्य सेवाओं को उत्तराखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में इमरजेंसी मेडिसिन, रक्त संबंधी जरुरतों को पूरा करने, चारधाम यात्रा के समय आपात स्थितियों व हाई एल्टिट्यूड मेडिसिन पहुंचाने के लिए सीएचसी सेंटर,जिला अस्पतालों व अन्य दुर्गम क्षेत्रों की मैपिंग योजना पर कार्य कर रहा है ।
इस दौरान डोन सेवा टीम के सदस्य ममता रतूड़ी, शिवानी भट्ट, ऋषभ कोटियाल ने सहयोग किया।

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