*-स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के विभिन्न कॉलेजों में कार्यक्रम आयोजित*
डोईवाला- अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट के सभी कॉलेजों में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई। वक्ताओं ने कहा कि इस दिन को मनाने का मकसद मातृभाषाओं का संरक्षण और उन्हें बढ़ावा देना है। वर्ष 2011 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार भारत में 43.63 फीसदी लोग हिंदी को अपनी मातृभाषा मानते हैं।
बुधवार को हिमालयन स्कूल आफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज (एचएसपीएस) में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का आयोजन किया गया। इसमें कविता पाठ, भाषण एवं वाद विवाद प्रतियोगिताओं में सभी छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए एचएसपीएस के असिस्टेंट प्रोफेसर राहुल पांडे ने मातृभाषा के इतिहास एवं महत्व को बताया। कार्यक्रम में बी. फार्मा प्रथम वर्ष की छात्रा नम्रता व आशीष डोभाल ने भाषण, मोहम्मद दानिश ने कविता प्रस्तुत की। डॉ. उज्जवल नौटियाल, अभिषेक चंदोला ने सफल बनाने में योगदान दिया।
वहीं, हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग में प्रिसिंपल डॉ.संचिता पुगाजंडी के दिशा-निर्देशन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बीएससी नर्सिंग की छात्रा उन्नति व छात्र सक्षम ने मातृभाषा दिवस के महत्व की जानकारी दी। दुनिया में भाषा और सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देना इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य होता है। उत्कर्ष पाल ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। करुणा व अंजलि ने काव्य पाठ, अनुष्का राज व दिव्या पंत ने एकल गायन, मनीषा नेगी ने एकल नृत्य की प्रस्तुति दी। प्रतिक्षा-दिव्या व भविका-हरकोमल ने युगल नृत्य प्रस्तुत किया। गौरव ने डायलॉग के महत्व से मातृभाषा का महत्व बताया। तान्या जोशी ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।
हिमालयन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (एचएसएमएस) की ‘मातृभाषा-संस्कारों की जननी’ पर कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें छात्र-छात्राओं ने कहा कि दुनिया के कई विकसित और विकासशील देश मातृभाषा की बदौलत ऊँचाइयों को छू रहे हैं। चीन और जापान इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। हमारी मातृभाषा हिन्दी को वह गौरव दिलाना हम सबकी जिम्मेदारी है।