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पौड़ी जिला पंचायत में सफाई टेंडर के नाम पर 75 लाख का घोटाला

पौड़ी। प्रदेश की राजधानी  में देहरादून नगर निगम सफाई कर्मचारी घोटाला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि इसी तरह का घोटाला पौड़ी जिले से भी सामने आ गया है। घोटाले का खुलासा आरटीआई के जरिए हुआ है। आरटीआई के जरिए खुलासा हुआ है कि 15 ब्लॉक में सफाई के नाम पर 75 लाख का घपला हुआ है। डीएम खुद इसकी जांच कर रही हैं।
जिला पंचायत पौड़ी में सफाई टेंडर के नाम पर 75 लाख का घोटाला सामने आया है। इस घोटाले में साफ-सफाई कार्यों के नाम पर 75 लाख रुपये की सरकारी धनराशि एक उपनल कर्मचारी की पत्नी के खाते में स्थानांतरित की गई है। यह खुलासा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी से हुआ है।
आरटीआई कार्यकर्ता करन रावत ने जून 2025 के पहले सप्ताह में आरटीआई के तहत जवाब प्राप्त किया, जिसमें सामने आया कि एक ही परिवार के तीन सदस्यों के नाम पर जिले के विभिन्न ब्लॉकों में सफाई के ठेके स्वीकृत किए गए। जबकि उनके पास न कोई पूर्व अनुभव था और न ही किसी तरह की कानूनी पात्रता। करन रावत ने इस मामले की शिकायत गढ़वाल आयुक्त से की, जिसके बाद पत्रावली पौड़ी जिलाधिकारी कार्यालय को भेजी गई। उन्होंने मांग की है कि इस घोटाले की विजिलेंस जांच हो और दोषियों पर एफआईआर दर्ज हो।
2024-25 की ऑडिट रिपोर्ट में यह साफ हुआ कि हर ब्लॉक में औसतन दो सफाई कर्मचारी नियुक्त दिखाए गए, जिन्हें 15,000 रूपये मासिक और वीआईपी ड्यूटी व दुर्गम क्षेत्रों में तैनात 10 कर्मचारियों को 30 हजार रूपये तक तक मासिक भुगतान किया गया। लेकिन धरातल पर न ऐसे कर्मचारी मिले और न ही कार्य।
इस प्रकरण में पौड़ी की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने कहा है कि मामले की जांच जारी है। गढ़वाल कमिश्नर से पत्रावली मिली है, संबंधित दस्तावेजों का अध्ययन किया जा रहा है। रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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