ऋषिकेश: पंडित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर, ऋषिकेश के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग व उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, (यूकास्ट) देहरादून के तत्वाधान में विश्व जल दिवस (Water Day) मनाया गया।
इस मौके पर एक ऑनलाइन वेबिनार आयोजित किया गया जिसमें पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के भूविज्ञान विभाग के पूर्व चैयरमैन व जानेमाने भू वैज्ञानिक प्रो० अरुण दीप अहलूवालिया ने पृथ्वी पर ग्लेशियरों के पिघलने की बढ़ती समस्या पर अपना व्याख्यान दिया ।
इस अवसर पर विज्ञान संकायाध्यक्ष व समन्वयक एमएलटी प्रो. गुलशन कुमार ढींगरा ने विश्व जल दिवस के अवसर पर डॉ अरुणदीप अहलूवालिया का स्वागत व परिचय किया तथा भूविज्ञान के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्यों तथा उपलब्धियो को विस्तार से बताया ।
मुख्य वक्ता प्रो० अरुणदीप अहलूवालिया ने अपने उध्बोधन में विश्व जल दिवस के अवसर पर जल संरक्षण के मूल बिंदुओं पर चर्चा की तथा उन्होंने कहा कि जिस प्रकार आज हम सौर ऊर्जा की महत्वता को समझते हुए सोलर प्लांट घर-घर में लगाने को प्रोत्साहित हो रहे हैं , ऐसे ही जल संरक्षण की दिशा में भी व्यापक जागरूकता लाने की आवश्यकता है, क्योंकि जल के बिना जीवन का कोई अर्थ ही नहीं है उन्होंने कहा की युवा जन-जागरूकता के द्वारा हम जल संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं, जिसमें युवाओं की भागीदारी जरूरी है साथ ही उन्होंने बढ़ते प्रदूषण के परिणाम स्वरूप आधुनिकरण के नाम पर पर्यावरण के नैसर्गिक सुंदरता को नष्ट होने पर भी प्रकाश डाला । उन्होंने बताया कि हमें पर्यावरण को लेकर सतर्कता तथा उसकी रक्षा के लिए स्वयं आगे आना होगा और इस धरती को सुरक्षित बनाना होगा ।
इस अवसर पर श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एन के जोशी, कुलसचिव श्री दिनेश चन्द्रा ने मुख्य वक्ता प्रो अहलूवालिया का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर ऋषिकेश परिसर के निदेशक प्रो महावीर सिंह रावत ने कहा कि घटते जल स्तर के कारण भविष्य में जल सोने के भाव से खरीद कर पीना पड़ेगा, इस लिये उन्होंने युवाओं से अपील की कि बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए जनजागरण अभियान चलाए।
इस अवसर पर ऋषिकेश परिसर के समस्त प्राध्यापक, रिसर्च स्कॉलर्स तथा छात्र-छात्राओं व अन्य जनमास ने कार्यक्रम में भाग लिया ।