*हरीश रावत के गढ़ को भेद पाएंगे त्रिवेद्र*
हरिद्वार लोकसभा सीट पर इस बार सीधे पर हरीश रावत और त्रिवेंद्र रावत के बीच चुनाव की रण खेला जाएगा। हालांकि हरीश रावत चुनाव नहीं लड़ रहे हैं बल्कि उनका बेटा वीरेंद्र सिंह रावत सांसद बने के लिए चुनाव में उतरा है। बेटे की जीत के हरीश रावत किसी प्रकार से कोई कसर नहीं छोड़ने वाले हैं। यहां से वे सासंद रह चुके है। वहीं उनकी बेटी हरिद्वार में विधायक है। जानकारों की माने तो हरीश रावत का हरिद्वार हरिद्वार सीट पर काफी दबदबा रहा है। अभी भी हरदार के कई लोग प्रशंसक है। ऐसे में भाजपा के नेता त्रिवेंद्र के लिए सीट निकालना ढेड़ी खीर साबित होगा। हालांकि त्रिवेंद्र भी चुनावी रण में कम नजर नहीं आ रहे है। कांग्रेस प्रत्याशी से पहले उन्होंने सबसे पहले चुनावी बिगुलकर कर अपनी मंशा भी जता दी थी कि वह जीतने के लिए जनता को रिझाने में कोई कसर नहीं रखेंगे। इसी सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार उमेश कुमार भी दोनों ही दलों के प्रत्याशियों के लिए किसी सिर दर्द से कम नहीं है। उन्होंने चुनाव जीतने के जोर लगा दिया है। वे दोनों प्रत्याशियों को घेरने के लिए तैयार बैठे हुए हैं। लिहाजा हरिद्वार सीट पर आने वाले दिनों में चुनावी वार तेज होने की उम्मीद है। जिसमें कौन आगे रहता। यह देखना होगा।