देहरादून। मोदी सरकार में प्रदेश को भी प्रतिनिधित्व की दरकार है। इस पर एक ही सवाल, है कि किसकी किस्मत चमकेगी। एनडीए सरकार में मंत्री पद हासिल करना अब उतना आसान नहीं माना जा रहा। पांचों लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद भाजपा के राजनीतिक हलकों में एक ही सवाल तैर रहा है कि अजय भट्ट, अनिल बलूनी, त्रिवेंद्र सिंह रावत और अजय टम्टा में से किसकी किस्मत चमकेगी। हालांकि भाजपा अपने दम पर सरकार नहीं बनाने जा रही है, इसलिए एनडीए सरकार में उत्तराखंड राज्य के हिस्से में मंत्री पद आना उतना सहज भी नहीं माना जा रहा है।बहरहाल, राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं कि राज्य के किस सांसद को इस बार मोदी कैबिनेट में एंट्री मिलेगी। दरअसल, 2014 की मोदी सरकार में उत्तराखंड के अजय टम्टा राज्यमंत्री बने थे। लेकिन यह भी देखा गया कि मोदी सरकार में एक बार बदले गए मंत्री को दोबारा मौका नहीं मिला।
टम्टा एक बार हटे तो फिर कैबिनेट में उनकी वापसी नहीं हो पाई।2019 की सरकार में पुराने चेहरे टम्टा के बजाए बतौर शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को मौका मिला। नैनीताल से सांसद अजय भट्ट को रक्षा और पर्यटन राज्यमंत्री बनने का अवसर प्राप्त हुआ। अब मोदी की तीसरी कैबिनेट में उत्तराखंड के प्रतिनिधित्व को लेकर चर्चाएं गरमा रही हैं।
राजपरिवार ने कभी ऐसी दिलचस्पी भी नहीं की जाहिर
राज्य से इस बार दो सांसद अजय भट्ट और अजय टम्टा हैं, जिन्हें मोदी कैबिनेट में रहने का अनुभव प्राप्त है। क्या पुरानी परंपरा से जुदा मोदी कैबिनेट में इनमें से किसी चेहरे को मौका मिलेगा? टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह का नाम मंत्री पद को लेकर कभी चर्चाओं में नहीं रहा। राजपरिवार ने कभी ऐसी दिलचस्पी जाहिर भी नहीं की। माला के बाद अनिल बलूनी और त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम आते हैं।