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बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुई मनसा देवी मंदिर की पहाड़ियों को होगा ट्रीटमेंट

विशेषज्ञों ने किया मौके पर जाकर निरीक्षण
दो चरणों में होगा मनसा देवी पहाड़ियों का ट्रीटमेंट

हरिद्वार। बीते दिनों हुई बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुई मनसा देवी मंदिर की पहाड़ियों के ट्रीटमेंट की कवायद तेज हो गई है। जिलाधिकारी के निर्देश पर राजाजी पार्क प्रशासन और सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने क्षतिग्रस्त पहाड़ियों का निरीक्षण किया। अब जल्द ही सिंचाई विभाग एस्टीमेट बनाकर जिलाधिकारी को सौंपेगा। पहले चरण में हिल बाइपास मार्ग, रेलवे लाइन और पहाड़ी के नीचे आबादी वाले इलाकों में रिटेनिंग वॉल और नालों पर चेकडैम बनाए जाएंगे। दूसरे चरण में उत्तराखण्ड लैंडस्लाइड मैनेजमेंट मिटिगेशन सेंटर की बनाई गई कार्ययोजना पर काम शुरू होगा।
बता दे बीते दिनों हुई भारी बारिश के चलते मनसा देवी की पहाड़ियों पर भयंकर भूस्खलन हुआ। भूस्खलन से हिल बायपास मार्ग बंद पड़ा हुआ है। सरकार के निर्देश पर प्रशासन द्वारा पहाड़ियों के ट्रीटमेंट का काम शुरू कर दिया गया है। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल के निर्देश पर उत्तराखंड सिंचाई विभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की संयुक्त टीम ने मनसा देवी पहाड़ पर भूस्खलन की रोकथाम के लिए निरीक्षण किया। इस दौरान संयुक्त टीम ने भूस्खलन रोकने के लिए छोटी अवधि में होने वाले कार्यों को चिह्नित किया। एक सप्ताह के भीतर कार्यदायी संस्था उत्तराखंड सिंचाई विभाग कार्यों का प्रस्ताव बना कर डीएम को सौंपेगा।
राजाजी पार्क और उत्तराखंड सिंचाई विभाग की टीम ने मनसा देवी पहाड़ का निरीक्षण कर जांच की। इस दौरान टीम ने मौके पर रिटेनिंग वॉल, चेकडैम, नालों और नालियों के निर्माण आदि छोटी अवधि के कार्य होने वाले स्थानों को चिह्नित किया। हरिद्वार जिलाधिकारी ने बताया निरीक्षण में हिल बाईपास की रिटेनिंग वॉल, निचले स्थानों पर सड़क किनारे बनने वाले नालों पर कितने चेकडैम लगने हैं। निचली आबादी और रेलवे ट्रैक को आगामी वर्षाकाल में नुकसान न हो आदि बिंदुओं पर होने वाले कार्यों को चिह्नित किया गया है। लंबी अवधि के कार्य की डीपीआर उत्तराखंड लैंडस्लाइड मैनेजमेंट एंड मिटिगेशन सेंटर बना रहा है। एक सप्ताह के भीतर कार्यदायी संस्था उत्तराखंड सिंचाई विभाग कार्यों का प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत करेगा।
हरिद्वार जिलाधिकारी ने बताया पहाड़ का ट्रीटमेंट दो भागों में किया जाएगा। पहले शॉर्ट टर्म कार्यों को पर फोकस किया जाएगा। उसके बाद मेजर कार्यों पर फोकस किया जाएगा। शॉर्ट टर्म कार्यों की अगर बात की जाए तो उसमें चैक डैम पहाड़ का ट्रीटमेंट और पहाड़ पर प्लांटेशन इत्यादि का कार्य किया जाएगा। मेजर कार्यों की बात की जाए तो पहाड़ से मिट्टी शहर की ओर ना आए इसके लिए पहाड़ पर मिट्टी को रोकना व इसी के साथ पहाड़ की विशेषज्ञों द्वारा दी गई गायों पर विचार करके मेजर कार्य किए जाएंगे। पहले तो चरण में हमारे द्वारा शॉर्ट टर्म कार्य पर फोकस किया जाएगा।

घरों में पहुंचता है मलबा
मनसा देवी पहाड़ से आठ मुख्य स्थानों पर भूस्खलन होता है। भूस्खलन के कारण निचले क्षेत्र में हर साल बड़ी आबादी को नुकसान उठाना पड़ता है। पहाड़ का मलबा लोगों के घरों में पहुंच जाता है। क्षेत्र की ब्रह्मपुरी, भूरे की खोल, भीमगोड़ा, खड़खड़ी, मनसा देवी मंदिर पैदल मार्ग, अपर रोड, सब्जी मंडी आदि क्षेत्रों में पहाड़ों का मलबा आता है। जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है।

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