उतराखंडपर्यावरण

जलवायु परिवर्तन भी है एक स्वास्थ्य आपातकाल

हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में विश्व इमरजेंसी मेडिसिन दिवस सेमिनार आयोजित

डोईवाला- ‘विश्व इमरजेंसी मेडिसिन दिवस’ के उपलक्ष्य में हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में सेमिनार आयोजित किया गया। इसमें वक्ताओं ने कहा कि समय के साथ हो रही जलवायु परिवर्तन भी एक स्वास्थ्य आपातकाल है।

सोमवार को हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की ओर से सेमिनार आयोजित किया गया। उपमुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. डीसी जोशी ने बताया कि इमरजेंसी मेडिसिन दिवस की शुरुआत यूरोपियन सोसाइटी फॉर इमरजेंसी मेडिसिन द्वारा की गई थी। इसे पहली बार 27 मई 2019 को मनाया गया था। इस दिन की स्थापना का लक्ष्य आपातकालीन चिकित्सा की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
इमरजेंसी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. रेश्मा कौशिक ने कहा कि जलवायु परिवर्तन भी एक स्वास्थ्य आपातकाल है। इसी थीम को लेकर इस साल यह दिवस मनाया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार, जलवायु परिवर्तन वर्तमान में मानवता के लिए सबसे बड़ा स्वास्थ्य खतरा है। जलवायु परिवर्तन लोगों के स्वास्थ्य को विभिन्न तरीकों से प्रभावित कर रहा है। जिसमें लगातार बढ़ती मौसम की घटनाओं, जैसे कि हीटवेव, तूफान और बाढ़, खाद्य प्रणालियों में व्यवधान, जल और वेक्टर जनित बीमारियों में वृद्धि और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मृत्यु और बीमारी को बढ़ावा देना शामिल है। इस दौरान एक क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें मेडिकल के 45 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इसमें मार्टिन एंड टीम क्विज प्रतियोगिता की विजेता रही। इस अवसर पर डॉ. मुक्ता सिंह, डॉ. रूबी कटारिया, डॉ. कोमल ठाकुर, डॉॅ. हिमांशी वैद्य शामिल रहे।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!