बागेश्वर पुलिस ने किया अंग्यारी महादेव मंदिर के पुजारी की मौत का खुलासा
हत्या के आरोप में शिष्य और ड्राइवर गिरफ्तार
बागेश्वर। गरुड़ तहसील क्षेत्र अंतर्गत अंग्यारी महादेव मंदिर के पुजारी के मौत मामले का पुलिस ने खुलासा किया। पुलिस ने मामले में दो लोगों, पुजारी के शिष्य और गाड़ी चालक को गिरफ्तार किया। जिनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। एसपी बागेश्वर चंद्रशेखर घोड़के ने मामले का खुलासा किया है।
एसपी बागेश्वर ने बताया कि 26 नवंबर को राजस्व पुलिस और जिला पुलिस को गरुड़ तहसील के अंग्यारी महादेव मंदिर मंदिर के पुजारी लाख मुनि महाराज की संदिग्ध परिस्थितियों में लाश मिली थी। जबकि उनका सामान अंग्यारी महादेव मंदिर गेट की तरफ जंगल में बिखरा हुआ मिला था।
इस मामले में पूर्व ग्राम प्रधान मदन मोहन गुसाईं की तहरीर के आधार पर राजस्व क्षेत्र पिंगलो में धारा 103/238 बीएनएस के तहत अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए मुकदमा राजस्व पुलिस से रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर किया गया और जांच का जिम्मा थानाध्यक्ष बैजनाथ को सौंपा गया। जांच के दौरान बाबा के नजदीकी दो लोगों से पूछताछ की गई तो चौंकाने वाला मामला सामने आया।
बाबा के वाहन चालक हरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि 25 नवंबर को बाबा गाड़ी में अंग्यारी महादेव मंदिर के लिए आ रहे थे। रास्ते में उनके द्वारा अपने भक्तों को प्रसाद भी बांटा गया था। शनि पूजा के लिए शराब भी खरीदी थी। जिसको उन्होंने रास्ते में अपने शिष्य अर्जुन गिरि और ड्राइवर हरेंद्र सिंह रावत के साथ पी थी।
अंग्यारी मंदिर गेट पहुंचने तक अंधेरा हो चुका था। मंदिर से पहले संकरे रास्ते में बाबा अलखनाथ रास्ते से फिसलकर नीचे गिर गए। जिन्हें अर्जुन और चालक हरेंद्र ने ऊपर निकाला। वो दोनों बाबा को पकड़कर मंदिर की ओर आने लगे। इस दौरान बाबा ने दोनों से गाली-गलौज शुरू कर दी। जिससे इन दोनों के द्वारा आवेश में आकर सहारा देना छोड़ दिया और बाबा लड़खड़ाते हुए पहाड़ी से नीचे गिर गए। उसके बाद दोनों ने बाबा की गिरने की बात किसी को नहीं बताई। वहीं अगले दिन उनकी लाश मिली।
पूरे मामले के खुलासे के साथ ही पुलिस ने 31 वर्षीय अर्जुन गिरि निवासी दिल्ली और 47 वर्षीय हरेंद्र सिंह रावत निवासी चमोली को गिरफ्तार करते हुए धारा 105/238 बीएनएस के तहत गिरफ्तार किया और न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है।