देहरादून: सुबोध उनियाल मंत्री, वन, उत्तराखण्ड सरकार की अध्यक्षता में वन विभाग के अधिकारियों को साथ लीसा एवं अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा एवं समीक्षा की गई। लीसा के सम्बन्ध में निर्देशित किया गया कि वर्तमान नियमावली एवं समय-समय पर जारी शासनादेशों के दृष्टिगत उत्तराखण्ड राज्य के लिए हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू कश्मीर की तर्ज पर नवीन नियमावली तैयार किये जाने का निर्देश दिया गया तथा पर्वतीय क्षेत्र की लीसा इकाईयों का विशेष ध्यान रखा जाय।
लीसा के स्टाम्प शुल्क के बारे में सविस्तार चर्चा में विभागीय अधिकारियों समस्त सम्बन्धित प्रकरणों का निस्तारण तत्काल कर पर्वतीय क्षेत्र की लीसा इकाईयों की सुविधा हेतु उत्तरकाशी, बागेश्वर एवं अल्मोड़ा में डिपो स्थापना का निर्देश दिया गया। लीसा सम्बन्धी समस्त कार्यवाही यथा- नीलामी व अभिवहन को ऑन-लाईन किया जाय। लीसा चोरी की रोकथाम हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य, कॉर्पस फण्ड, अग्रिम नीलाम की सम्भावनाओं पर भी विचार करने का निर्देश दिया गया।
वार्षिक वृक्षारोपण योजना एवं वार्षिक नर्सरी योजना समय से निर्धारित प्रपत्र में तैयार कर सक्षम अधिकारी द्वारा तकनीकी स्वीकृति अवश्य जारी की जाय। समस्त सूचनायें विभागीय वेबसाईट पर अपलोड करें, ताकि जन-सामान्य को विभागीय जानकारी प्राप्त हो सके। राज्य वन नीति, 2001 एवं वृक्षारोपण नीति, 2005 के अनुरूप क्रमशः राज्य वानिकी परिषद् एवं राज्य स्तरीय वृक्षारोपरण समीक्षा समिति का गठन करने की अपेक्षा की गई।
वन सांख्यिकीय पुस्तिका का प्रकाशन वर्ष, 2017-18 के पश्चात न होने को चिन्ताजनक बताते हुए मंत्री द्वारा राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर इसको प्रकाशित / विमोचन कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
बैठक में डॉ० धनन्जय मोहन, प्रमुख वन संरक्षक (HoFF), राज्य वन मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारीगण व एस.के. सिंह, सलाहकार क साथ अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।