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“अंगदान से बड़ा कोई दान नहीं” – तनु जैन

ऋषिकेश: रोटरी क्लब ऋषिकेश दिवास और मोहन फाउंडेशन द्वारा अंगदान जन जागरूकता अभियान के अंतर्गत पंजाब सिंध क्षेत्र स्कूल में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन स्कूल के प्रधानाचार्य ललित कुमार शर्मा द्वारा किया गया, जिसमें 100 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लेकर अंगदान के महत्व पर जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।

मोहन फाउंडेशन के अंगदान प्रेरक संचित अरोड़ा ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि भारत में प्रति वर्ष ब्रेन डेथ (मस्तिष्क मृत्यु) की दर डेढ़ लाख है, जबकि इनमें से केवल 1400 लोग ही अंगदान करके दूसरों को जीवनदान देते हैं। शेष प्रतीक्षारत रोगियों में से 70% लोग समय पर अंग न मिलने के कारण मृत्यु का शिकार हो जाते हैं। यदि समय पर जरूरतमंदों को अंग मिल जाए, तो दो व्यक्तियों की आंखों की रोशनी और 8 व्यक्तियों का जीवन बचाया जा सकता है।

रोटरी क्लब ऋषिकेश दिवास की अध्यक्ष श्रीमती तनु जैन ने कहा कि सनातन धर्म के प्रचार से समाज में धार्मिक रूढ़िवादिताएं दूर हो रही हैं और लोगों के अंगदान से जुड़े मिथक कम हो रहे हैं। श्रीमती रेखा गर्ग, तत्कालीन अध्यक्ष, ने बताया कि रक्तदान के लिए एक बार कहने पर लोग तुरंत तैयार हो जाते हैं, और अपने परिजनों के जाने का दुख भूलकर नेत्रदान भी कर देते हैं। डॉ. भावना दीक्षित के संचालन में चले इस कार्यक्रम में स्कूल के प्रधानाचार्य ललित कुमार शर्मा, रोटरी क्लब दिवास ऋषिकेश की सदस्य श्रीमती मीनाक्षी अग्रवाल समेत कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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