उतराखंडप्रशासन

*विकास के अभाव में दम तोड़ रहा राजस्व गांव रतनपुर*

किराये के भवन में चल रही स्वास्थ्य सेवाएं, जर्जर पडे़ शिक्षा के भवनों में हो रहा भविष्य का निर्माण

रुद्रप्रयाग। भरदार पट्टी का राजस्व गांव रतनपुर मूलभूत समस्याआंे से जूझ रहा है। गांव में पैदल चलने के लिए पक्के रास्तों का निर्माण तक नहीं किया गया है, जबकि 2012-13 में स्वास्थ्य उप केन्द्र की घोषणा आज तक पूरी नहीं हो पाई है। जर्जर भवनों में छात्रों के पठन-पाठन से शिक्षा के क्षेत्र में भी क्षेत्र पिछलता जा रहा है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता गरीब जनता पर भारी पड़ रही है।
विकासखंड जखोली का राजस्व ग्राम रतनपुर 21वीं सदी में भी मूलभूत सुविधाओं से कोसो दूर है। गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल से लेकर अन्य समस्याओं से ग्रामीण जनता को जूझना पड़ रहा है। पेयजल लाइन पर सुचारू रूप से पानी की आपूर्ति नहीं होने से ग्रामीणों की सिंचित खेती तबाह हो गई है तो पूर्व मंत्रियों की घोषणाओं  पर आज तक अमल नहीं हो पाया है। सामाजिक कार्यकर्ता वीरेन्द्र बर्तवाल ने कहा कि राजस्व गांव रतनपुर में सुविधाओं के अभाव में ग्रामीण जनता परेशान है। क्षेत्र में स्वास्थ्य और शिक्षा के बुरे हाल हैं। जर्जर शिक्षा के मंदिरों में छात्रों का भविष्य संवर रहा है तो किराये के भवन पर स्वास्थ्य उप केन्द्र संचालित हो रहा है। उन्होंने कहा कि जल संस्थान और जल निगम से कई बार लिखित व मौखिक रुप से शिकायत करने के बाद भी पेयजल लाइन को दुरूस्त नहीं किया जा रहा है, जबकि जर्जर सिंचाई नहरों का ट्रीटमेंट नहीं होने से सिंचित खेती बंजर होती जा रही है पानी के अभाव में ग्रामीणों का सिंचाई से मोहभंग हो रहा है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत लाखों की लागत बेसिक पाठशाल के लिए बना तीन सौ मीटर हल्का वाहन मार्ग भी दम तोडता नजर आ रहा है। वर्ष 2015-16 में तत्कालीन काबीना मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने गांव में पशु चिकित्सा विद्यालय खोलने की घोषणा की थी। इसका उदघाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किया था। बताया कि ग्रामीणों ने पशु चिकित्सा विद्यालय बनाने के लिए 50 नाली भूमि वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय भरसार पौड़ी गढ़वाल के नाम की थी। विभाग ने ग्रामीणों को प्रमाण पत्र देकर योग्यता अनुसार नौकरी देने का वादा किया था। कहा कि आठ साल बाद भी पशु चिकित्सा विद्यालय निर्माण को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई है और ना ही ग्रामीणों को वायदे के अनुसार नौकरी मिल पाई है। ऊपर से ग्रामीणों की जमीन भी चली गई है। सामाजिक कार्यकर्ता वीरेन्द्र बर्तवाल ने कहा कि जीर्ण-शीर्ण हालत में खड़े बिजली के खंभे हादसों को निमंत्रण दे रहे हैं। गांव के विकास को लेकर केन्द्र व राज्य सरकार से लेकर जिला प्रशासन भी कोई कार्य नहीं कर रहा हैं। कहा कि रतनपुर गांव की दयनीय हालत के लिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधि जिम्मेदार हैं।

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