उतराखंडभ्रष्टाचार

नगर निगर बोर्ड पर अंतिम समय में 300 करोड़ के घोटाले का आरोप

कांग्रेसी नेता थापर ने निगम व मेयर के खिलाफ खोला मोर्चा

निगम पर लगाया शिकायत को दबाने का आरोप

देहरादून। कांग्रेसी नेता अभिनव थापर ने नगर निगम देहरादून व मेयर सुनील उनियाल गामा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। थापर ने सीधे-सीधे तौर पर आरोप लगाया है कि संभावित कार्टेल सिस्टम को 300 करोड़ का फायदा  पहुंचाया गया है। निगम ने टेंडर में बड़ी अनियमिता की है। टेंडर की शर्तो में न सिर्फ पार्टी के चयन का खेल हुआ मगर हाईकोर्ट के ऑर्डर को तोड़ मरोड़ कर एक्सटेंशन के नाम पर करोड़ों रुपए के कार्य को अपने चहेतों को बिना टेंडर आवंटन किया गया।
मीडिया के माध्यम से मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि मेरे हाथ में टेंडर देना नहीं है और कुछ गड़बड़ी है तो जाँच बिठाएंगे । मुख्य नगर आयुक्त ने स्वीकार किया है कि वही पुरानी कंपनी  को 2022 में पुनः कार्य आवंटन हुआ है।
थापर ने बताया कि मेयर सुनील उनियाल गामा को 11 अगस्त 2023 को होर्डिंग और यूनिपोल घोटाले में संभावित कार्टेल सिस्टम के 300 करोड़ के खेल का तथ्यों सहित पत्र दिया था किन्तु आज 4 महीने बाद भी इस पर नगर निगम ने कोई कार्यवाही नहीं की है।
अतः मिडिया मेयर और मुख्य नगर आयुक्त के जाँच के बयान के क्रम में अभिनव थापर ने पुनः 28 नम्बर को नगर निगमको अनुस्मारक पत्र जारी कर बताया कि सभी दस्तावेज और फाइल 11 अगस्त .2023 को मेयर और मुख्य नगर अधिकारी के कार्यालय में स्वयं दे दिये थे, किन्तु अभी तक नगर निगम या मेयर ने 4 महीनों से इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है। थापर ने पत्र के माध्यम से मेयर और मुख्य नगर अधिकारी को बताया की नगर निगम 1959 अधिनियम में निहित बोर्ड बैठक के अधिकारों के क्रम में 11 अगस्त 2023 के पत्र पर प्रस्ताव अनुमोदित कराकर 30 नवम्बर 2023 को होने वाली अंतिम बोर्ड बैठक में तत्काल निष्पक्ष जाँच के लिए कार्रवाई के लिए आग्रह किया गया।
थापर ने कहा कि नगर निगम के 300 करोड़ के खेल में मेरी फाइल पर 11 अगस्त.2023 से आजतक जाँच से कौन रोक रहा है ?’ मेयर और मुख्य नगर आयुक्त को बोर्ड बैठक में शक्तियां निहित है अतः 30 नंवबर 2023 को अंतिम बोर्ड-बैठक  में तत्काल जाँज करवाने से रुकना नहीं चाहिए।’
अभिनव थापर ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि यदि नगर निगम संभावित कार्टेल सिस्टम होर्डिंग और यूनिपोल टेंडरों में हुए 300 करोड़ के खेल पर जाँच नहीं करवाता है तो वो आने वाले समय मे हाईकोर्ट उत्तराखंड, केंद्रीय जाँज एजेंसी जैसे सीबीआई और ईडी में इस मामले को उठाने का काम करेंगे।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!