देहरादून। उत्तराखंड के सभी जिलों में ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ योजना के तहत संचालित राशन डीलरों की दुकानों को मॉडर्नाइजेशन करने का काम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे अब दूसरे प्रांतों के लोग उत्तराखंड में सस्ता गल्ला ले सकेंगे। खाद्य विभाग के आयुक्त हरिश्चंद्र सेमवाल ने बताया कि प्रदेश में सस्ते गले की करीब 2 हजार दुकानें हैं। भारत सरकार की योजना के तहत राशन विक्रेताओं को मॉडर्नाइज किया जाना है, इसलिए उसकी प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।
खाद्य विभाग के आयुक्त हरिश्चंद्र सेमवाल ने बताया कि ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ के तहत दूसरे राज्यों के वैध कार्ड धारक उत्तराखंड में सस्ते गल्ले का राशन प्राप्त कर सकते हैं। इस संबंध में निर्देश जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि पहाड़ी जनपदों में जहां पर इंटरनेट की सेवा उपलब्ध नहीं है, वहां पर ऑफलाइन माध्यम से भी राशन वितरित करने के लिए भारत सरकार को रिक्वेस्ट भेजी गई है और खाद्य विभाग की यह पूरी कोशिश है कि हर गरीब और अंत्योदय परिवार तक केंद्र सरकार की चलाई जा रही राशन योजना का लाभ पहुंच सके।
हरिश्चंद्र सेमवाल ने बताया कि कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर कथित प्लास्टिक चावलों को लेकर सामने आ रहे हैं, जो पूरी तरह से भ्रामक हैं। पिछले दिनों इसकी शिकायत भी आई थी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की स्कीम के तहत जो फोर्टीफाइड राशन दिया जा रहा है, उससे लोगों को लग रहा है कि यह प्लास्टिक के चावल हैं, जबकि ऐसा नहीं है। यह फोर्टीफाइड चावल हैं। बता दें कि पिछले लंबे समय से सोशल मीडिया पर एक अलग तरह के चावल का वीडियो वायरल हो रहा था, जिसको लेकर दावा किया जा रहा था कि यह चावल सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान में वितरित किए जा रहे हैं। वहीं यह चावल सामान्य चावल से बिल्कुल अलग देखने में नजर आ रहे थे, जिसको लेकर अब खाद्य विभाग ने स्थिति स्पष्ट की है।