
ऋषिकेश: स्वास्थ के देवता और आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की जयंती को नौवे राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में आज ऋषिकेश आयुर्वेद डॉक्टर्स एसोसिएशन ने बड़े ही धूम धाम से धन्वंतरि भवन ऋषिकेश में विधिवत पूजन अर्चन के साथ मनाया गया ! आयुर्वेदिक संभाषण में अंतर्राष्ट्रीय आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. डी के श्रीवास्तव ने कहा कि इस वर्ष भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए थीम *वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नवाचार यानी आयुर्वेद इनोवेशन फॉर ग्लोबल हेल्थ* वाक़ई में पूरे विश्व को आयुर्वेद से जोड़कर सकारात्मक स्वास्थ प्रदान कर शतायु जीवन की परिकल्पना को साकार कर रहा है , विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं भारत सरकार के प्रयास से आज विश्व के 140 देश धन्वंतरि जयंती का आयोजन विभिन्न विभिन कार्यक्रमों द्वारा कर रहे है , आज विश्व के 24 देशों में आयुर्वेद को कानूनी मान्यता ट्रेडिशनल मेडिसिन्स के उसे के लिए मिल गई है जो ये साबित करती है की नॉन कम्युनिकेबल डिजीस यानी लाइफ स्टाइल डिसऑर्डर्स में आयुर्वेद से श्रेष्ठ कुछ भी नहीं !राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर 12840 करोड़ की आयुर्वेद के परियोजनाओं का प्रधानमंत्री द्वारा प्रारंभ करना भी चिकित्सा को एक नया आयाम देगा ! अध्यक्ष डॉ. डी पी वलोदी ने कहा कि आज विश्व के अधिकांश लोग हमारी तरफ़ अपने उत्तम स्वास्थ की आस लगाये बैठे है इसमें हमारी जिम्मेदारी दुगुनी हो जाती है की हम आयुर्वेद का सर्वश्रेष्ठ देकर उनके जीवन को आनंदित बनाये ।डॉ जी एल अरोड़ा ने भगवान धन्वंतरि जी के अवतरण और आयुर्वेद की विकाश को मानव जाति के लिए अमूल्यवान धरोहर बताया और कहा की विश्व की इस प्राचीनतम और अद्भुत स्वस्थ संरक्षण के ज्ञान और विज्ञान से ही हम स्वस्थ समाज की अवधारण कर सकते है ! डॉ सीमा सक्सेना ने कहा की इस वर्ष भारत सरकार ने पूरे वर्ष इस आयुर्वेद नवाचार में चार बिंदुओं के प्रमुखता दी है जिसमें महिलाओं के स्वास्थ्य, कार्यछेत्र में सभी के मानसिक एवं शारीरिक सुरक्षा , बच्चो में आयुर्वेद द्वारा स्वास्थ्य संवर्धन तथा आहार की श्रेष्ठता को विशेष ध्यान दिया गया है ! उक्त समारोह में सचिव डॉ भास्कर आनंद ने सभी का आह्वान करते हुए कहा कि आज का दिन नौवाँ राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में अपने देश के लिए समाज के लिए हमे बड़े ही कर्मठता के साथ मनाना है तथा विश्व को भारत के इस प्राचीनतम ज्ञान और विज्ञान से रूबरू भी कराना है ! कार्यक्रम में डॉ जी एस रावत , डॉ रवि कौशल , डॉ जे पी राठी , डॉ अरुण कुमार , डॉ पी एक कपरूवाँन, डॉ मधु आनंद शर्मा , डॉ कपिल गुप्ता , डॉ पूनम गुप्ता डॉ मीनाक्षी जगजापे डॉ एम एल मौर्य , डॉ प्रियंका पालीवाल इत्यादि चिकित्सकों ने भाग लिया !