उतराखंडदुर्घटना

डोईवाला के खेत में मिला हाथी का शव वन विभाग में मचा हड़कंप, गजराज की मौत के कारणों की हो रही जांच

डोईवाला। क्षेत्र के अंतर्गत बड़कोट रेंज के माजरी ग्रांट रेशम माजरी क्षेत्र में एक खेत में हाथी का शव मिला है। हाथी का शव मिलने की सूचना से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है। हाथी के मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि यह हाथी लंबे समय से इस क्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुंचा रहा था। अब इस हाथी की मौत से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। टीम हाथी के मौत के कारणों का पता लग रही है। वन विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि हाथी के मौत के सही कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद चल पाएगा। रेंज अधिकारी बड़कोट धीरज रावत ने बताया कि यह टस्कर नर हाथी है। इसकी उम्र लगभग 12 से 13 साल के करीब थी। उन्होंने बताया कि मौत के कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही चल पाएगा। पूर्व ग्राम प्रधान अनिल पाल का कहना है कि यह हाथी लंबे समय से इस क्षेत्र में घूम रहा था। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में हाथी और अन्य जानवर फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने सरकार और वन विभाग से फसलों को बचाने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है।
उत्तराखंड में हाथी के मौत की ये कोई पहली घटना नहीं है। 14 दिसंबर को लालकुआं कोतवाली क्षेत्र में भी एक हाथी की मौत हो गई थी। लालकुआं बरेली रेलवे ट्रैक पर तेज रफ्तार इलेक्ट्रिक पावर इंजन से हाथी और हाथी का एक बच्चा टकरा गए थे। हाथी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। हाथी का बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया था। आनन फानन में वन कर्मी मौके पर पहुंच गए थे। दिसंबर के पहले हफ्ते में भी इसी ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आकर एक हाथी की मौत हुई थी।उत्तराखंड के कुमाऊं इलाके की बात करें तो यहां राज्य बनने के बाद से पिछले 23 सालों में 13 हाथियों की ट्रेन से कटकर मौत हो चुकी है। 11 हाथियों की मौत तराई केंद्रीय वन प्रभाग से जाने वाली लालकुआं -रुद्रपुर रेल लाइन पर ट्रेन की चपेट में आने से हुई। दो हाथियों की मौत लालकुआं – बरेली मार्ग ट्रेन की टक्कर से हो चुकी है।

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