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रुद्रप्रयाग में भारी बारिश से अलकनंदा ने पार किया खतरे का निशान

रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग जनपद में तीन दिनों से बारिश जारी है। बारिश के कारण हालात अस्तव्यस्त हो गए हैं। नदी-नाले उफान पर हैं। केदारनाथ और बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी कई स्थानों पर भूस्खलन होने के कारण बंद हैं। अलकनंदा नदी विकराल रूप धारण करके बह रही है। नदी ने खतरे के निशान को पार कर लिया है।
नदी किनारे स्थित सभी घाट और रास्ते भी जलमग्न हो गए हैं। आवासीय भवनों की सुरक्षा दीवारों तक पानी पहुंच गया है। रुद्रप्रयाग शहर में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। नगर पालिका के सफाई कर्मचारी चोक हुई नालियों को खोलने में जुटे हुए हैं। भारी बारिश के रेड अलर्ट को देखते हुए डीएम सौरभ गहरवार ने शासकीय, अशासकीय स्कूलों के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी कर दी है। जखोली के बुढ़ना फतेड़ू में तीन मंजिला मकान का हिस्सा भारी बारिश के चलते क्षतिग्रस्त हो गया है।
रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी ने विकराल रूप धारण कर दिया है। बदरीनाथ क्षेत्र में लगातार हो रही तेज बारिश के चलते अलकनंदा नदी अपने खतरे के निशान 626 मीटर से ऊपर पहुंच गई है। नदी का जलस्तर बढ़ने से बेलनी स्थित हनुमान मंदिर को भी खतरा पैदा हो गया है। मंदिर की सुरक्षा दीवार तक पानी पहुंच गया है। इसके अलावा अन्य भवनों को भी खतरा पैदा हो गया है। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत बने सभी घाट जलमग्न हो चुके हैं, जबकि नदी किनारे बने पैदल रास्ते भी डूब गए हैं। ऐसे में लोगों को आवागमन की समस्या भी पैदा हो गई है। बारिश यदि इसी प्रकार लगातार जारी रही तो परेशानी बढ़ सकती है। केदारनाथ धाम जाने वाले यात्रियों के लिए भी एडवाइजरी जारी की गई है कि मौसम को देखकर ही यात्रा करें। लगातार हो रही भारी बारिश के चलते रुद्रप्रयाग शहर में भी जल भराव की स्थिति पैदा हो गई है। ऑल वेदर सड़क के तहत निर्माण कार्य सही ढंग से नहीं होने के कारण नालियां चोक हो रही हैं। नगर पालिका के सफाई कर्मचारी चोक हुई नालियों को खोलने में जुटे हुए हैं। भारी बारिश ने शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक दहशत का माहौल बना दिया है। विकासखंड जखोली के अन्तर्गत ग्राम पंचायत बुढ़ना (फतेड़ू) में भारी बारिश के चलते कलम सिंह पुत्र गैणा सिंह का तीन मंजिला मकान का आधा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। वर्तमान समय में इस मकान पर लोगों की किराये पर दुकाने मौजूद हैं। अगर इसी प्रकार से बारिश का सिलसिला जारी रहा तो मकान पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो सकता है।

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