
देहरादून। अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में भाजपा के पूर्व विधायक की कथित पत्नी द्वारा सोशल मीडिया में किए गए पोस्ट के बाद प्रदेश में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। कांग्रेस, यूकेडी और समाज से जुड़े लोग सड़कों में उतरने लगे हैं। देहरादून, हल्द्वानी, रामनगर, मसूरी, रुद्रप्रयाग समेत प्रदेश के कई शहरों में प्रदर्शन करते हुए सरकार का पुतला दहन किया जा रहा है।
उत्तराखंड में हुए बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। पूर्व भाजपा विधायक सुरेश राठौर की कथित पत्नी के जारी किए गए एक सोशल मीडिया पोस्ट ने उत्तराखंड में राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है, जिसमें उसने ‘गट्टू’ नाम के एक शख्स का नाम लिया है। कथित तौर पर अंकिता भंडारी हत्याकांड में वीआईपी के तौर पर देखा जा रहा है।
इस वीडियो के बाद कांग्रेस समेत अन्य सामाजिक संगठन भी अब सड़क पर उतर आए हैं। जिसको लेकर आज महिला कांग्रेस नैनीताल ने हल्द्वानी बुद्ध पार्क में भाजपा सरकार का पुतला दहन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही सरकार से मांग की गई कि अंकिता के हत्यारों को कठोर से कठोर सजा दी जाए।
कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष जया कर्नाटक ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता ही सोशल मीडिया में वीआईपी का नाम ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार आरोपियों को बचाने और संरक्षण देने का काम कर रही। अंकिता हत्याकांड मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए और जो दोषी है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। पहाड़ों की रानी मसूरी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बुधवार को जोरदार प्रदर्शन किया। झूला घर चौक पर कांग्रेस कार्यकर्ता एकत्रित हुए और भाजपा सरकार के पुतले को आग के हवाले कर अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने की मांग को लेकर भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन के दौरान लगातार भाजपा मुर्दाबाद के नारे लगाए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जोत सिंह गुनसोला, शहर कांग्रेस अध्यक्ष अमित गुप्ता और कांग्रेस नेता उपेंद्र थपली ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल उठाए कि भाजपा क्यों उस नेता का नाम उजागर नहीं कर रही है, जो अंकिता भंडारी की हत्या में शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेटियों के खिलाफ लगातार अत्याचार हो रहे हैं। लेकिन भाजपा सरकार केवल ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के नारों तक सीमित रह गई है। कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि भाजपा सरकार इस मामले की सीबीआई जांच नहीं कराती और आरोपी नेता का नाम सार्वजनिक नहीं करती है, तो पार्टी 5 जनवरी से पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करेगी।










