उतराखंडपुलिस डायरी

बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर ठगने वाला आरोपी गिरफ्तार शातिर ठग बार बार बदल रहा था नाम

शातिर ठग बार बार बदल रहा था नाम और ठिकाना

नैनीताल। देहरादून व कुमाऊं एसटीएफ ने एक रिटायर्ड अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर 20 लाख रुपए की साइबर धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को जयपुर राजस्थान से गिरफ्तार किया है। साइबर ठगों ने दिसंबर महीने में तीन दिनों तक 80 वर्षीय बुजुर्ग को घर पर व्हाट्सएप वीडियो के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट किया था। साइबर अपराधियों ने बुजुर्ग को दिल्ली क्राईम ब्रांच और सीबीआई अधिकारी बनकर आधार कार्ड के दुरुपयोग होने और आधार कार्ड के नाम पर खोले गए एक बैंक के खाते में करोड़ों रुपए का लेनदेन होना बताया गया था। शिकायत के बाद पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी थी।
नैनीताल निवासी बुजुर्ग ने दिसम्बर 2025 में साइबर थाना कुमाऊ परिक्षेत्र रुद्रपुर जनपद उधम सिंह नगर में शिकायत दर्ज कराई थी कि दिसंबर में उनके पास फोन आया और खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच और सीबीआई से बताते हुए बुजुर्ग के नाम पर खुले एक बैंक खाते में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत करोड़ों रुपये के लेनदेन होने की बात कही गई थी। जिसके लिए बुजुर्ग के सभी बैंक खातों और जमीन जायदाद का वेरिफिकेशन करने के लिए व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर ही बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट करते हुए 3 दिनों में कुल 20 लाख रुपये की धनराशि अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करवाई गई।
जिसके बाद पुलिस टीम ने बैंक खातों और मोबाइल नंबरों का सत्यापन किया गया। जिसमें आरोपी 19 वर्षीय महीम सिसौदिया निवासी जयपुर राजस्थान को चिन्हित करते हुए आरोपी की तलाश करते हुए थाना शिप्रा पथ जयपुर राजस्थान से गिरफ्तार किया गया। साइबर एएसपी कुश मिश्रा ने बताया है कि आरोपी काफी शातिर और पेशेवर किस्म का व्यक्ति है जो लगातार अपनी पहचान व जगह बदल रहा था। जिसने बैंक खाते मे रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर को धनराशि निकालकर पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए स्विच ऑफ कर लिया गया।
पुलिस टीम ने बैक खाताधारक के पते की जयपुर जाकर तस्दीक किया गया तो दर्ज पते पर भी आरोपी का निवास न होना पाया गया। आसपास के लोगों से जानकारी लेने पर पता चला कि आरोपी कई सालों पहले यह पता छोड़ कर कही चला गया है। जिसके बाद पुलिस टीम ने नए पते जानकारी कर आरोपी महीम सिसौदिया को जयपुर राजस्थान को गिरफ्तार किया गया। साथ ही जिस बैंक खाते का प्रयोग किया जा रहा था उसमें दिसम्बर महीने में ही लाखों रुपयों का लेन-देन होना पाया गया है।अलग-अलग राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब, उत्तर प्रदेश में आरोपी के खिलाफ 7 शिकायतें दर्ज हैं, जिस संबंध में संबंधित राज्यों से भी सम्पर्क किया जा रहा है।

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