उतराखंडस्वास्थ्य

आयुष मंत्रालय के प्रकृति परीक्षण अभियान के प्रदेश समन्वयक बने डॉ. डीके श्रीवास्तव, डॉ. सीमा सक्सेना को जिला समन्वयक की जिम्मेदारी

ऋषिकेश, आयुष मंत्रालय भारत सरकार २६ अक्टूबर से दिनांक २५ दिसंबर तक देश में प्रकृति परीक्षण अभियान चला रहा है इस अभियान को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग एवं प्रदेश स्तर पर उत्तराखंड में भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा चलाया जाएगा इस हेतु केंद्र से, डॉ डी के श्रीवास्तव को राज्य का समन्वयक नियुक्त किया गया है तथा डॉ सीमा सक्सेना को देहरादून जनपद का सह समन्वयक बनाया गया है । इस अभियान में आयुष विभाग , आयुर्वेद निदेशालय एवं आयुर्वेद कॉलेज की सक्रिय भूमिका है आज ऋषिकेश आयुर्वेद की टीम ने वरिष्ठ नागरिक एसोसिएशन के सदस्यों ,सरस्वती शिशु मंदिर आदर्श ग्राम , सुमनदेव विश्वविद्यालय के ऋषिकेश कैंपस ,पारस स्कूल श्यामपुर ,योगेन्द्र पब्लिक स्कूल में समस्त नागरिकों का प्रकृति परीक्षण कर के सभी को स्वास्थ्य जीवन का सूत्र भी दिया । कार्यक्रम में इस राष्ट्रव्यापी अभियान की जानकारी देते हुए राज्य समन्वयक डॉ डी के श्रीवास्तव ने इसके टेक्निकल स्टेप और सुचारू रूप से इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु दिशा निर्देश दिया डॉ श्रीवास्तव ने कहा कि प्रकृति का स्वास्थ्य रक्षण में बहुत महत्व होता है, प्रकृति की जानकारी से आम नागरिक खुद को स्वस्थ रखने के लिए दिनचर्या ,ऋतुचर्या के अनुरूप अपने नित्य कार्यों में छोटे-छोटे बदलाव लाकर स्वस्थ रह सकते हैं । इस बात को ध्यान में रखते हुए देश को सकारात्मक स्वास्थ्य की ओर बढ़ने में यह प्रकृति प्रशिक्षण अभियान मील का पत्थर साबित होगा।उन्होंने बताया की इस अभियान के द्वारा पूरे देश में एक करोड़ से पाँच करोड़ तक नागरिकों का प्रकृति परीक्षण २५ दिसम्बर तक किया जाएगा
इस अभियान की सहसमन्वयक डॉ सीमा सक्सेना ने कहा कि इस अभियान के तहत उत्तराखंड के 2 लाख से ज्यादा नागरिकों का प्रकृति परीक्षण देश के आयुर्वेद महाविद्यालयों के विद्यार्थी ,स्नातकोत्तर शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी ,अध्यापक , आयुर्वेद के चिकित्सक के माध्यम से किया जाएगा, जिन्हें प्रकृति परीक्षण स्वयंसेवक कहा जाएगा। इस अभियान के तहत सभी नागरिकों से अपील है कि नजदीक के आयुर्वेद चिकित्सक द्वारा इसका लाभ उठाकर निरोगी जीवन पायें ।इस कार्यक्रम को एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ डी पी वलोड़ी ,डॉ मीनाक्षी ,प्रोफे o डॉ अमित गौतम ,डॉ दिव्यांश, डॉशुभम् ,डॉ शैफ़ाली , डॉ मुस्कान ,डॉ दुर्गेश ,डॉ आदित्य , डॉ ऋषभ , डॉ अंकिता , डॉ आयुषी, डॉ प्रशांत , डॉ विशाल , डॉ वाणी , डॉ दीपवेंदु , डॉ देवांश , डॉ रीतिका , डॉ ज़ीशान, डॉ प्रशंसाने सक्रियता से अपनी भूमिका निभायी ।

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